Friday, 3 February 2017

बतला दो

अब तुम्हारी याद आती है,भूलूं कैसे ये बतला दो,
तुम मेरी हो नहीं सकती,समझूँ कैसे ये बतला दो!
वो सपना जो देखा समझा हूँ तेरे साथ रहकर मैं,
हकीकत में नामुमकिन हैं यही मुझको बतला दो!! 

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