Heart Speaks
Wednesday, 11 January 2017
अर्सों के बाद मुलाकात जरुरी है समझता हूँ ,
मेरे बिन तेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ !
इन्तजार में जो सुख चुके हैं तेरे आँख केआँसू ,
उनके न निकलने की मज़बूरी मैं समझता हूँ !!
1 comment:
Unknown
20 February 2017 at 10:20
खुद भी रोता है, मुझे भी रुला के जाता है..
ये बारिश का मौसम, उसकी याद दिला के जाता हैं।
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खुद भी रोता है, मुझे भी रुला के जाता है..
ReplyDeleteये बारिश का मौसम, उसकी याद दिला के जाता हैं।