Thursday, 26 January 2017

पागल

किसी के जुल्फ का उठता हुआ बादल बुलाता है,
अब तुम्हारी याद में खोकर कोई पागल बुलाता है !
चले आये हो जब से छोड़कर तन्हा किसी को तुम,
अब उसके आँख का निकलता काजल बुलाता है !!

Wednesday, 18 January 2017

शायर

हमारी खामोशियों का प्यार एक हिस्सा है,
जो कभी खत्म न हो वो तेरा मेरा किस्सा है!
तेरे जज्बातों ने ही मुझको कायर बना डाला,
तुझे पाने की जिद ने मुझे शायर बना डाला !!
इस अजब सी भीड़ में मुझे यूँ पुकारा न करो,
जरा जज्बात को समझो यूँ किनारा न करो !
कुछ बातें बोल के ही समझाई जा सकती है,
उन्हें कहने के लिये यूँ आँखों से इशारा न करो !!

Tuesday, 17 January 2017

बचपन

जो बेबसी देख रहे हैं हम आज उनके चेहरो में ,
वो ढूंढेंगे दो वक्त की रोटी कूड़े पड़े जो शहरों में !
जात,पात,दुनियादारी उन्हें इन सबसे मतलब क्या,
पेट की आग बुझाने को वो चल पड़ते हैं अंधेरों में !!
शिक्षा,प्यार,खिलौना आदि ये शब्द वो जाने भी कैसे,
जिनकी जिंदगी बीत जाती है इन कूड़ों की ढेरों में !!
जिंदगी उनकी भी सुधरनी चाहिये ये सच तब होगा,
उन्हें अपना बचपन मिल जाये एक नए से सवेरों में !! 

Monday, 16 January 2017

चलो चलकर फिर उसी जगह,
नये रिश्तों की शुरुआत करें !
दो आँखें तेरी दो मेरी हों ,
आओ मिलके आँखे चार करें!!

Sunday, 15 January 2017

जितना व्यस्त रखना है रख लो खुद को ,
नहीं तो मेरी यादें तुम्हे सब कुछ भुला देंगी !
नफरत करनी हो तो जरा दिल को मजबूत रखना  ,
नहीं तो मेरी खामोशियाँ भी तुम्हे रुला देंगीं !!
गम के इन आसुओं का निकलना बहोत जरुरी था,
तन्हाइयों में मेरा तुझसे अब मिलना बहोत जरुरी था !
मिटाने थे वो गिले सिकवे हुए हम दोनों के दरम्यान,
इस पत्थर से दिल का भी पिघलना बहोत जरुरी था !!

Saturday, 14 January 2017

                               मेरी अधूरी प्रेम कहानी 

हजारों वजह है तेरे पास मुझसे दूर जाने की ,
एक वजह मुझे भी दे दो अपने पास आने की !
वादा है मेरा की कभी आपको रोने दूंगा ,
कोई भी खुशियां आपसे कभी खोने दूंगा !!
एक  बार   गयी  तो  फिर जा पाओगी ,
वादा है मेरा अब कभी मुझे भुला पाओगी !
प्यार मिलेगा इस कदर अंदाजा भी होगा तुम्हे ,
इसलिए चाहकर भी मुझे तुम रुला पाओगी !!
मिला मैं जब तुमसे पहली बार उस चाय की दूकान पे 
चाह के भी वो शब्द ला पाया अपनी इस जुबान पे !
तेरी सादगी ने मेरा मन कुछ इस कदर मोह लिया,
मैं तो नहीं था तेरे सामने कुछ अच्छे से मुकाम पे !!
देखके तुमको पहली बार अपना दिल हार गया था मैं,
देखने तुमको बॉटनी डिपार्टमेंट कितनी बार गया था मैं !
क्लास छूटना मेरा मुझको खुद भी पता चलता था ,
तुझको देखकर ऐसा लगता कोई बाज़ी मार गया था मैं!!
याद करो वो पहली मैगी जब मैं तुमसे लेने आया था,
शायद ख़ुशी के मारे पूरी रात मैं भी सो पाया था !
उस दिन मुझको ऐसा लगा मेरे स्वपन को पंख मिला,
अब सोचकर ऐसा लगता है वो सब मोह माया था !
शायद मुझे उस वक़्त तेरा साथ चाहिए था ,
गर कभी गिर जाऊं तो तेरा हाथ चाहिए था !
तेरे आँखों की गहराई में डूबा था मगर फिर भी ,
जो कभी खत्म हो मुझे वो बात चाहिए था !!
याद है मुझको पहली बार जब गिफ्ट लेके तुम आयी थी ,
जाने क्यों ऐसा लगा की मुझे देख मुस्कुराई थी !
साथ तेरे मैं जायका रेस्ट्रो वाली सीट पे बैठा था जब ,
सोचता हूँ अब मैं वो सच थी या अंगड़ाई थी !!
बात बहोत करनी थी मुझको पर समय तुरंत खत्म हो गया ,
तेरी जादूभरी निगहाओं में उस वक़्त जाने कब मैं खो गया !
तेरी मखमली बातों का जाने कैसा मुझपे असर हुआ ,
पता भी चला मुझे उस वक़्त कब जागते हुए मैं सो गया !!
वो समय भी जल्द आया जब तुम वापस जाने वाली थी ,
कैसे बोलूं कुछ भी मैं मेरे आँखों की  तुम रखवाली थी !
सोचता था तुमको सच बोल भी दूँ पर मैं तब डरता था ,
मन  में बैचैनी उठने की उस वक़्त ये ही सवाली थी !!
गिफ्ट लेके तेरा मैं जब पंहुचा अपने कमरे में ,
एक प्रकाशित पुंज उठा मेरे मन के अँधेरे में !
मन में एक बात भी थी वो दिन भी शायद आएगा ,
मैं भी पंछी बन जाऊंगा एक नये से सबेरे में !!
हमारी दोस्ती की बातें मेरे हॉस्टल में फैली थी तब ,
लगे मेरे दोस्त पूछने भाई तेरी फ्रेंडशिप हुई थी कब !
मेरे दोस्तों का मजाक आपके दोस्त को बहोत बुरा लगा ,
याद करो वो भी दिन तुमने मुझे समझाया था जब !!
तेरी बातों का मुझपे जाने कैसा असर हो गया ,
यही सोचते सोचते मुझे भोर से दोपहर हो गया !
मेरी क्या गलती थी उस वक़्त समझ पाया था ,
मेरे स्वपन का था महल वो भी अब खंडहर हो गया !!
कैसे भूल जाता मैं तुमको मेरे मन में तुम होती थी ,
ऐसा लगता था मुझको मेरे सपनो के संग सोती थी !
मेरे मन में विचारों की कुछ ऐसी आंधियां उठती थीं ,
ऐसा लगता था मुझको तब मेरे रोने से तुम रोती थी !!
खैर जैसे तैसे करके मैं एमएससी पास कर गया ,
दिल में जो बात थी वो अब तक राज रह गया !
भूलना तुमको नामुमकिन फिर भी कोशिश करता था,
मेरे मन की बात मुझे उठता हुआ साज कह गया !!
बहोत शांत रहता था मैं पर मेरी सिसकियाँ कह जाती थीं ,
द्वार बंद रहते थे तब फिर भी खिड़कियां कह जाती थीं !
पसंद मुझे करती हो या नहीं उसका उत्तर मिला था तब ,
होंठ खामोश रहते थे तब पर मेरी हिचकियाँ कह जाती थीं !!
अब मुझे क्यों ऐसा लगता की मेरा हाल जानोगी तुम ,
क्या है अब मेरे दिल में उसको अब पहचानोगी तुम !
किसी के कुछ कहने से ही सच ही  हो जाता है ,
अपने अनुभव से शायद मुझे अपना मानोगी तुम !!
मेरे दिल में तेरे लिए एक ही आवाज आती है ,
स्वीटी सदा खुश रहे वो भी ये ही चाहती है !
तेरे एक मुस्कान पे मैं भी कहीं खो जाता हूँ ,
तेरा वो एक शब्द इसे बहोत चोट पहुचाती है !!
मुझे क्यों ऐसा लगता की मेरा हाल जानोगी तुम,
क्या है अब मेरे दिल में उसे पहचानोगी तुम !
किसी के कुछ कहने से सच ही न हो जाता है ,
अपने अनुभव से शायद मुझे अपना मानोगी तुम !!
हाल ही में दिया तेरा कार्ड मेरे मन को भा गया है ,
मन में उन विचारों का फिर से बादल छा गया है !
कुछ तो चाहत भी छुपी है तेरे दिल के कोने में ,
ऐसा क्यों लगता हैं मुझपे तेरा दिल भी आ गया है !!
बात चाहे जो भी हो मेरे दिल में सदा रहोगी तुम ,
कोई भी समस्या आ जाये मुझसे सदा कहोगी तुम !
जीवन में कभी रोना नहीं इसका वादा करो मुझसे ,
यूँ गंगाजल की तरह अनवरत बहती रहोगी तुम !!
मेरी बातों को दिल पे मत लेना उसको भूल जाना तुम,
एक  बहका पंछी था ऐसा अपने दिल को समझाना तुम !
गर कभी मिल जाऊं किसी मोड़ पे अपनी इन यादों के साथ,
एक सच्चा दोस्त था मेरा ऐसा अपने उनसे कह जाना तुम !!