Tuesday, 13 March 2018

Love

एकटक जो देख रही है चाय के प्यालों में,
बेशक वो डूबी है अब मेरे ही ख्यालों में !

कभी दिया था गुलाब का फूल उसे मैंने,
खुशबू आज भी आ रही उसके बालों में !!

अभी तक एक जवाब की आस है उससे,
पर उसने उलझा रखा है मुझे सवालों में !

वाकियत में रहती तो पता होता उसे भी,
बहोत कुछ गुम है दिए गए मिसालों में !!

Monday, 5 March 2018

हो चली थी

प्यार वाली बातें अब पुरानी हो चली थी,
एक बीते से पल की कहानी हो चली थी ।

निभाते-निभाते दोस्ती वो रूठी मुझसे ऐसे,
की दुश्मनी भी अब खानदानी हो चली थी ।।

जिंदगी जी रहे थे हम खामोशी से अब तो,
बेमतलब की अब ये जवानी हो चली थी ।

जो खुद्दार थे अपनी ईमानदारी को लेकर,
उससे मशहूर अब बेईमानी हो चली थी ।।